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नकारात्मक ऊर्जा
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1. यम वीथी भूमि : ऐसी भूमि जो उत्तर दिशा में ऊंची तथा दक्षिण में नीची होती है, यम वीथी कहलाती है। इस भूमि पर रहने वालों में अल्प मृत्यु या अकाल मृत्यु की घटनाएं प्राप्त होती हैं और ये अतृप्त आत्माएं प्रेत या पितर दोष उत्पन्न करती हैं। 2. भूत-वीथी : ऐसी भूमि या वास्तु संरचना जो ईशान (पूर्वोत्तर कोण) में ऊंची तथा नैऋत्य (दक्षिण-पश्चिम कोण) में नीची हो तो ऐसी वास्तु भूमि भूत वीथी कहलाती है। ऐसी अवस्था में वास्तु स्थल के किन्हीं हिस्सों में अज्ञात भय का सा वातावरण बना रहता है। जिसके कारण घर में हृदय रोग तथा रक्तचाप संबंधी परेशानियां होने लगती हैं। 3. श्मशान वास्तु : ऐसी वास्तु संरचना जो ईशान-पूर्व के मध्य ऊंची तथा पश्चिम व नैऋत्य के मध्य नीची हो तो वह स्थान या वास्तु `श्मशान वास्तु` कहलाती है। ऐसी भूमि या भवन में नीरस ता बनी रहती है। घर का प्रत्येक सदस्य पृथक-पृथक रूप से स्वनिर्णय लेता है। भाई-बंधुओं से सलाह लेने में शर्म महसूस करता है और उचित मार्गदर्शन नहीं मिलने से असफल होता है तथा गृहस्थ से विमुख होने की सोचने लगता ...