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Showing posts from May, 2021

प्रमोशन एवं इंक्रीमेंट

चलो मित्रों आज नए टॉपिक पर बात करते हैं प्राइवेट हो या सरकारी चाहे आप जिस क्षेत्र में नौकरी करते हो निश्चित ही आपको प्रमोशन और इंक्रीमेंट तो चाहिए ही चाहिए। क्योंकि इससे ही आपके सपने और समाज में रेपोटेशन बढ़ता है। यह आपके जीवन  में कामयाबी को दिखाता है। हो सकता है आपको मेरा लेख पसंद ना आए। क्योंकि मैं अपने असफलता पर किसी दूसरे को दोष नहीं दूंगा। मेरा काम है वैज्ञानिक पद्धति से अपनी बातों को रखना। और एक विचारक होने के नाते समाज तक सही संदेश पहुंचाना। मेरा लेख आपको कुछ सोचने को मजबूर कर दे। और सोच कर कदम उठाने के लिए आपके अंदर सकारात्मक बदलाव लें आए। बस इतनी सी छोटी सी चाहत के साथ मैं अपना लेख लिखने का प्रयास करता हूं। मेरे लेख से यदि किसी संस्था का नाम आ जाए तो उसे उसकी बुराई करना ना समझे बल्कि जो वास्तविकता में मैंने देखा है सिर्फ उसका उल्लेख किया है। यह लेख एससी समाज और सतनामी समाज के लिए उपयोगी है। साथ ही उन सभी लोगों के लिए जो किसी न किसी प्रकार से किसी कारण से हीन भावना से ग्रसित हैं।  तो चलिए लेख शुरू करते हैं। एससी समाज के लोगों को शुरू से बताया जाता है कि आपकी सफलता मैं...

मित्रता का विचार

मित्रों, किसी भी जन्मपत्री में मुख्य रूप से मित्र का विचार पंचम भाव से किया जाता है तथा एकादश भाव से मित्र की प्रकृति एवं तृतीय भाव से मित्र से होने वाले हानि-लाभ का विचार किया जाता है। ज्योतिष के अनुसार ग्रहों के मैत्री को तीन प्रकार से विचार किया जाता है। नैसर्गिक मैत्री चक्र तत्कालिक मैत्री चक्र पंचधा मैत्री चक्र नैसर्गिक मैत्री चक्र और तत्कालिक मैत्री चक्र पर विचार करने पर पंचधाम मैत्री चक्र का निर्माण होता है जिसमें नौ ग्रहों में पांच प्रकार की संबंध होते है। परम मित्र, मित्र, सम, शत्रु, अधिशत्रु । इसी प्रकार राशियों में भी आपसी मैत्री संबंध होते हैं। कुंडली के प्रथम, चतुर्थ, द्वितीय, पंचम, सप्तम व एकादश भाव और बुध ग्रह प्रमुख रूप से मित्रता के कारक होते हैं। कुंडली का सीधा संबंध भाव, ग्रह व राशियों से होता है। तीनों प्रकार के संबंध जीवन की दिशा तय करते हैं। मनुष्य जीवन के सारे महत्वपूर्ण रिश्ते जन्म से मिलते हैं जो हमारे हाथ में नहीं होते है लेकिन जीवन का सबसे महत्वपूर्ण और करीबी रिश्ता जो हम बनाते हैं वह दोस्ती का रिश्ता होता है यह रिश्ता कब और किससे बनता है साथ ही आप और आपके दो...