प्रमोशन एवं इंक्रीमेंट
चलो मित्रों आज नए टॉपिक पर बात करते हैं प्राइवेट हो या सरकारी चाहे आप जिस क्षेत्र में नौकरी करते हो निश्चित ही आपको प्रमोशन और इंक्रीमेंट तो चाहिए ही चाहिए। क्योंकि इससे ही आपके सपने और समाज में रेपोटेशन बढ़ता है। यह आपके जीवन में कामयाबी को दिखाता है।
हो सकता है आपको मेरा लेख पसंद ना आए। क्योंकि मैं अपने असफलता पर किसी दूसरे को दोष नहीं दूंगा। मेरा काम है वैज्ञानिक पद्धति से अपनी बातों को रखना। और एक विचारक होने के नाते समाज तक सही संदेश पहुंचाना। मेरा लेख आपको कुछ सोचने को मजबूर कर दे। और सोच कर कदम उठाने के लिए आपके अंदर सकारात्मक बदलाव लें आए। बस इतनी सी छोटी सी चाहत के साथ मैं अपना लेख लिखने का प्रयास करता हूं। मेरे लेख से यदि किसी संस्था का नाम आ जाए तो उसे उसकी बुराई करना ना समझे बल्कि जो वास्तविकता में मैंने देखा है सिर्फ उसका उल्लेख किया है। यह लेख एससी समाज और सतनामी समाज के लिए उपयोगी है। साथ ही उन सभी लोगों के लिए जो किसी न किसी प्रकार से किसी कारण से हीन भावना से ग्रसित हैं।
तो चलिए लेख शुरू करते हैं। एससी समाज के लोगों को शुरू से बताया जाता है कि आपकी सफलता मैं रुकावट आप कि जाति है। यदि आपके साथ कहीं भी कुछ भी गलत हो रहा है तो इसके पीछे आपकी जाति है। नौकरी में प्रमोशन नहीं हो रहा है तो भी इसके पीछे आपकी जाति है। बिजनेस में आप सफल नहीं हो पा रहे तो भी इसके पीछे आपकी जाति है। हमारे पास लाख हुनर हो परंतु जाति के कारण हम पिछड़ जाते हैं। और न जाने कितने सारे उदाहरण आपको इस बात को समझाने के लिए प्रस्तुत कर दिया जाता है। और आप उनके इन उदाहरणों और तर्कों से अपने अंदर हीन भावना जागृत कर लेते हैं। यह एक परसेंट कारण , आपके अंदर के सकारात्मक ऊर्जा जो कि 99% है, आप की छवि, योग्यता, कार्य कुशलता पर भारी पड़ जाता है। और आप अंदर ही अंदर डरने लग जाते हैं ,कि कहीं मेरा सी आर ना बिगाड़ दे। और मैं जीवन में उचित सफलता प्राप्त ना कर पाऊं।
तो इसके लिए सिर्फ इतना ही कहूंगा दुनिया आपके सामने सिर्फ मुसीबत खड़ा कर सकता है लेकिन आप एक योद्धा के समान मुकाबला करते हैं तो आपको सफल होना निश्चित संभव है।
आज के निजी करण के दौर में जाति का विचार करके हीन भावना से ग्रसित होकर अपने विकास को अवरुद्ध कर लेना सबसे बड़ी असफलता का कारण।
संविधान ने आज ऐसा स्थिति पैदा कर दिया है कि किसी भी व्यक्ति का जाति नहीं बदल सकता भले धर्म बदल जाए। तो इसके साथ तो हमें जीना ही है। और भारत में जाति के कारण भेदभाव भी होता है इसे भी मानने से हम इंकार नहीं करते। लेकिन मात्र एक यही कारण आपकी सफलता रोक दें इसे भी हम नहीं मानते। क्योंकि आप अपने आसपास देखेंगे ऐसे बहुत से लोग है जो इसके बावजूद भी सफल हो रहे हैं। जिसका सबसे बड़ा उदाहरण है, परम पूज्य बाबा गुरु घासीदास, डॉक्टर भीमराव अंबेडकर ।
इसलिए हम आज चर्चा करते हैं उन 10 पॉइंट के बारे में जिन पर आप काम करके इंक्रीमेंट और प्रमोशन प्राप्त कर सकते हैं। लेकिन ध्यान रहे यहां बहाना नहीं चलेगा। आपको ही खुद प्रयास करना होगा। पल पल अपने आप में सुधार लाने के लिए। और आगे बढ़ कर जिम्मेदारी भी लेना होगा। तभी आप सफल हो पाएंगे और लगातार सफलता की सीढ़ी चढ़ते जाएंगे।
1, आप नौकरी में प्रमोशन या इंक्रीमेंट के लिए अपने बॉस को नहीं कहते --यदि आप नौकरी में सफलता और इंक्रीमेंट चाहते हैं तो बिल्कुल अपने बॉस से इस बारे में बात करें अपनी परफॉर्मेंस का हवाला देकर प्रमोशन की मांग करें। हो सकता है वह आपके बोलने का इंतजार कर रहे हो।
2, इंक्रीमेंट मांगने का गलत तरीका -कभी भी आप इंक्रीमेंट अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए न मांगे जैसे कि मुझे गाड़ी लेना है मुझे घर बनाना है। साथ ही यह ध्यान रखें उस समय आपने बेहतर परफॉर्मेंस किया हो जिसके कारण कंपनी को बहुत ज्यादा मुनाफा हुआ हो। तब आप अपने कार्यों के कारण अपने मेहनत के कारण जो कंपनी ने लाभ प्राप्त किया है इसे आधार बनाकर इंक्रीमेंट का मांग करें। क्योंकि एक कुशल कर्मचारी को खुश रखना प्रत्येक कंपनी का प्रमुख प्राथमिकता होता है।
3, दूसरों से रहते हैं झगड़े के लिए तैयार-आप जहां काम करते हैं वहां लड़ते झगड़ते ना रहे बल्कि बेहतर कम्युनिकेशन बनाकर एक दूसरे के साथ घुलमिल कर रहे। क्योंकि जितना ज्यादा आप एक दूसरे के साथ टच में रहेंगे एक दूसरे के साथ मधुर संबंध बनाकर रखेंगे आपके कार्य सुगमता से होने लगेंगे। यदि कोई अड़चन आ जाता है । अपने अचीवमेंट को प्राप्त करने में तो आपके साथ ही आपको भरपूर सहयोग करेंगे।
4, आप अकेले चलना चाहते हैं-आपको जो भी काम दिया जाता है उस काम को करने के लिए अकेले चलने का प्रयास ना करें बल्कि अपने टीम के सदस्यों को लेकर आगे बढ़े सफलता में उनका भी योगदान को महत्व दें और यदि कहीं असफल हो जाए तो उसकी जिम्मेदारी आप खुद ले। क्योंकि एक टीम लीडर में यह बेसिक नीड होना चाहिए तभी वह जीवन के पथ पर सफल हो पाता है।
5, अपेक्षाएं बहुत ज्यादा हो -आपको लगता है कि कंपनी ने आपके कार्य के वजह से ग्रोथ किया है, परंतु आपके बॉस को लगता हो कि आप बहुत ज्यादा गलती करते हो या आपने बहुत ज्यादा इंक्रीमेंट पहले से ले चुके हैं। इसलिए अपने कार्यों को सही तरीके से समीक्षा करें।
6, आप अपने कामों में बहुत ज्यादा गलती कर रहे हो-आप अपने कार्यों पर फोकस कीजिए और टीम का सहयोग के साथ उसे पूरा करने का प्रयास करें यदि गलती हो रहा है तो उसे सुधारने का प्रयास करें।
7, आप उतना ही करते हैं जितना आपसे कहा जाता है -कुछ कर्मचारी ऐसे होते हैं, उन्हें जितना कहा जाता है, वह उतना ही कार्य करते हैं। वे इस बात पर इत्तेफाक नहीं रखते कि हम खुद पहल कर अपने टारगेट से अधिक काम करें। क्योंकि जब आप अपने टारगेट से ज्यादा बेहतर प्रदर्शन करते हैं तो आपकी सफलता के चांस ज्यादा बढ़ जाते हैं। जिसके वजह से आपको प्रमोशन भी मिलता है और इंक्रीमेंट भी होता है।
8, आपकी सैलरी पहले से ही ज्यादा हो-कभी-कभी आपकी कंपनी को लगता है कि आपको पहले से ही बहुत ज्यादा सैलरी दिया जा रहा है इस वजह से भी इंक्रीमेंट नहीं दिया जाता।
9, आप नई चीजों को सीखने से मना कर देते हैं-कुछ कर्मचारी ऐसे होते हैं जो नई चीजों को सीखना नहीं चाहते। जिसके कारण उनके काम प्रभावित होते हैं। इसलिए समय के साथ जो भी नई चीजें या बदलाव आ रहा है उसके साथ जल्द से जल्द सामंजस्य बैठा कर सफलता के राह में आगे बढ़े।
10, आप सिर्फ समस्या गीनाते रहते हैं, समाधान के बारे में कुछ नहीं बताते -जीवन में प्रगति के पथ पर आगे बढ़ना है तो कभी भी सिर्फ समस्या के बारे में बात ना करें, बल्कि समस्या का समाधान पर भी फोकस करें। यदि आप समस्या ही गिनते रहेंगे तो आपकी नेगेटिव छवि बन जाएगा। जिसके वजह से आपके प्रोफामेंस में गिरावट आएगा। और आप अपने समकक्ष वर्किंग मित्रों से पिछड़ते जाएंगे। जिसके कारण आपको प्रमोशन नहीं मिलेगा।
अतः मेरा सिर्फ इतना ही कहना है। कि समाज को प्रगति की ओर ले जाना है तो इस प्रकार के लेख समाज में प्रचारित करें।
बामसेफ जैसे संगठन को अपने लेखन शैली में सुधार लाने की आवश्यकता है। यदि आप भी उनसे जुड़े हुए हैं तो ऐसे लेख को वहां शामिल करें। अपने लोगों को सफलता के गुर सिखाए। ना कि सिर्फ फालोवर बनाए रखने के लिए असफलता की कहानी लिखते रहें।
जय सतनाम
✍️एस्ट्रो राजेश्वर आदिले
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