ब्रांड
ब्रांड शब्द प्रायः सभी ने सुना होगा और आप शायद जानते भी होंगे की ब्रांड किसे कहते हैं। लेकिन क्या आपने कभी यह सोचा अपने आप को ब्रांड बनाने के बारे में और यदि सोचा की हमें खुद ब्रांड बनना है तो फिर इसके लिए आपने कार्य किया। ब्रांड प्रत्येक व्यक्ति बन सकता है। और इस कार्य में मदद आपका सोशल मीडिया कर सकता है। आप चाहे किसी भी प्रोफेशन में हो जैसे कि डॉक्टर, इंजीनियर, वकील, नेता, शिक्षक, सीए, डिजिटल मार्केटर , व्यापारी , अध्यात्म , कलाकार, खिलाड़ी आदि आप हो सकते हैं। और अपने क्षेत्र में ब्रांड एंबेसडर भी बन सकते हैं।
जो व्यक्ति ब्रांड बनना चाहता है उसे अपने प्रोफेशन में नंबर 1 रैंक में होना चाहिए।
वित्तीय स्वतंत्रता हासिल हो।
उसका व्यक्तित्व प्रभावपूर्ण हो।
करिश्माई नेतृत्व क्षमता हो।
नैतिक मूल्य का पालन करने वाला हो।
तो निस्संदेह ऐसा व्यक्ति एक अनूठा ब्रांड होगा।
इस दुनिया में लोग आपका हर चीज ले जा सकते हैं लेकिन वह आप नहीं बन सकते और यही आपकी शक्ति है।
यह आपका ब्रांड है।
जिसके कारण लोग आपको पसंद करते हैं।
जैसे कि मर्सिडीज बेंज, एप्पल, रोलेक्स, बीएमडब्ल्यू, एम एस धोनी, सचिन तेंदुलकर, विराट कोहली, नरेंद्र मोदी, रिलायंस, एमेजॉन, गूगल, अमिताभ बच्चन, शाहरुख खान, महात्मा गांधी, बाबा साहब भीमराव अंबेडकर, बाबा गुरु घासीदास जी आदि आदि।
हमारे देश में जाति व्यवस्था है जिसके कारण लोग एक दूसरे को छोटा बड़ा मानते हैं। इस जाति व्यवस्था में जो शिखर की ओर है वह अपने आप को ब्रांड अंबेसडर मानते हैं। लेकिन जो नीचे हैं वह आज भी अपने आप को नीचे ही मानते हैं और उसी का ही प्रचार करते हैं। और अपने लोगों को वैसा ही ब्रांड बनाना चाहते हैं। क्योंकि वही बात दोहराते रहते हैं।
अब आप ही सोचिए क्या ऐसे में वे कभी शिखर पर पहुंच पाएंगे।
मुझे तो नहीं लगता कि कभी वह ऐसा कर पाएंगे।
क्योंकि आकर्षण का सिद्धांत उन्हें वही बनाएगा जिसके बारे में वह ज्यादा बात करते हैं, ज्यादा सोचते हैं और ज्यादा प्रचारित करते हैं।
यदि आप ऐसे विचारों से बाहर निकल कर शिखर पर पहुंचना चाहते हैं और ब्रांड के रूप में अपने आप को स्थापित करना चाहते हैं। तो अपने साथ-साथ अपने लोगों को भी ब्रांड बनाने का प्रयास करें। इससे आपका समाज भी एक ब्रांड बन जाएगा।
यदि आप ब्रांड बनना चाहते हैं तो
अपने ब्रांड को पहचाने।
अपने ब्रांड को प्रदर्शित करें।
अपने ब्रांड को संप्रेषित करें।
अपने ब्रांड को शक्तिशाली बनाएं।
संप्रेषण के सामंजस्य की समीक्षा करें।
अपने ब्रांड को पहचानने से आशय है कि आप उन मूल्यों और गुणों को पहचान ले जिन्हें आप अपने नाम के साथ जोड़ना चाहते हैं। इस बारे में चेतन निर्णय लें कि आप अपने नाम के साथ कौन से मूल्य गुण जुड़े देखना पसंद करेंगे।
इसे आप दो तरीके से कर सकते हैं आपका जुनून या आप की विशेषता। यदि आप इन दोनों को मिला देते हैं तो समझ लीजिए कि जैकपोट लग गया। सोचे कि आप किस बारे में जोशीले हैं, वह कौन सा विषय है, जिस पर बात शुरू करते ही आपकी आंखों में चमक आ जाती है, आपका चेहरा दमक उठता है और आप उसके बारे में अंत हिन बातें कर सकते हैं । हो सकता है कि आप उस विषय के विशेषज्ञ ना हो लेकिन आप उसे बेइंतहा प्रेम करते हैं, कोई भी चीज हो सकती है। और यही चीज आपके ब्रांड को विकसित करने में मुख्य भूमिका निभाएगा।
आगे का भाग अगले पोस्ट में...
Raajeshwar Adiley
Comments
Post a Comment