राशि के तत्व II
पृथ्वी तत्व
पृथ्वी तत्व के अंतर्गत वृषभ राशि, कन्या राशि और मकर राशि आता है। पृथ्वी तत्व से हम आवाज, स्पर्श , आकार, स्वाद के गुण और गंध, गंध सुगंधित भी हो सकता है और दुर्गंध भी हो सकता है , जो कि हमारे नाक द्वारा हमें महसूस होता है। जिस तरह पृथ्वी का लक्षण होता है, अपने में सब को समाहित कर लेना, चाहे पर्वत हो, चाहे ना भी हो, इसमें पठार भी है, झरने भी है, कहीं ऊंची तो कहीं नीची है, तो कहीं समतल भूमि भी है। किंतु नैसर्गिक लक्षण हर पल उपजाऊ अर्थात सृजनात्मक का गुण पाया जाता है। ऐसे लोग धीरे-धीरे जीवन में प्रगति करते हैं, गंभीर , पोषक लक्षणों से युक्त पाया जाते है। पृथ्वी तत्व के जातक अपने काम से काम रखने वाले , सहनशील, धैर्यवान, धीर वीर , गंभीर होते हैं। प्रायः इन्हें बचपन या कम आयु से कठोर श्रम करना पड़ता है। तथा अपनी कार्यक्षमता और कार्यकुशलता के कारण आसपास के समाज में प्रतिष्ठित होते हैं। प्रशासनिक योग्यता के कारण नौकरी या व्यवसाय का संचालन सुचारू रूप से संचालन करने वाले होते हैं। इन्हें अपने कार्यों में असफलता नहीं मिलता परंतु सफलता भी देर से प्राप्त होता है। एक ही कार्य से जीवन पर्यंत जुड़े रहते हैं। क्रोध या आवेश में कोई काम नहीं करते।इन्हें दिमाग की बजाए शरीर से श्रम करते हुए अधिक देखा जा सकता है। पृथ्वी तत्व के जातक जमीन से जुड़े हुए होते हैं एवं व्यावहारिक होते हैं। ज्यादातर रूढ़िवादी और यथार्थवादी होते हैं लेकिन साथ ही वे बहुत भावुक भी होते हैं। विलासिता और भौतिक वस्तुओं से प्यार होता है। वफादार और स्थिर स्वभाव के होते हैं। समस्या के समय में अपने लोगों का पूरा साथ देते है।
आकाश तत्व
आकाश तत्व से आवाज के बारे में पता चलता है , जिसे शब्द भी कहते हैं। हम जो आवाज एक दूसरे से सुनते हैं, कान के माध्यम से यह आवाज आकाश की तरंगों से हम तक पहुंचता है। आकाश तत्व के अंतर्गत कुंभ राशि को रखा जाता है । हम जानते हैं, कि आकाश का नैसर्गिक लक्षण होता है, सदियों से चराचर जगत के भूत , भविष्य और , वर्तमान को मूकदर्शक बनकर देखते हुए भी मौन रहना। अपनी गहराइयों में अनंत गूढ़ रहस्य को बनाए रखना। अपने अंतर में सब कुछ होते हुए भी स्थिर और अलिप्त बने रहना। आकाश तत्व प्रधान वाले जातक दार्शनिक अंदाज में जीने वाले फक्कड़ किस्म के होते हैं। बड़ी से बड़ी दुर्घटना या अच्छी से अच्छी खबर इन्हें विचलित कर नहीं पाती है और ना प्रसन्नता दे पाती है।कहा जा सकता है कि ऐसा जातक सुख दुख लाभ-हानि , यश-अपयश आदि के झंझटों में पड़े बिना अपने मस्त तरीकों से जीवन जीते हैं। यह जातक परिश्रमी होते हैं परंतु उसके मूल्य से बेपरवाह होते हैं। सामान्य ऐसे जातक जोखिम लेने वाले अपना सब कुछ दांव पर लगाने वाले होकर सफलताएं प्राप्त करते हैं। विभिन्न प्रकार के उद्योगों में राजनीति में उच्च अधिकार प्राप्त करते हैं। सरकार और राज्य पक्ष के नीति निर्धारण में भी योगदान रहता है।
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