आर्द्रा नक्षत्र के व्यवसाय
मिथुन राशि में 6 अंश 40 कला से लेकर 20 अंश तक रहता है । इस नक्षत्र के चार चरण होते है ।
प्रथम चरण अक्षर - " कू " ,
प्रथम चरण स्वामी ग्रह - गुरु ।
द्वितीय चरण अक्षर "घ" ,
द्वितीय चरण स्वामी ग्रह शनि ।
तृतीय चरण अक्षर " ड" ,
तृतीय चरण स्वामी ग्रह शनि ।
चतुर्थ चरण अक्षर " छ" ,
चतुर्थ चरण स्वामी ग्रह गुरु ।
आर्द्रा नक्षत्र का स्वामी ग्रह राहु है। आर्द्रा नक्षत्र मिथुन राशि में आता है । इस राशि का स्वामी ग्रह बुध है ।
विद्युत उपकरणो की मरम्मत करने वाला कारीगर, विद्युत अभियंता, विशेष परिश्रम करने वाले, शारीरिक श्रम में मजदूर वर्ग तथा मानसिक श्रम में वैज्ञानिक, गणितज्ञ, शोधकर्ता, उपन्यासकार, लेखक, दार्शनिक, आदि इस नक्षत्र में आते हैं. ध्वनि प्रौद्योगिकी, संगीतज्ञ, फोटोग्राफर, कंप्यूटर पर नक्शे व डिजाइन बनाने वाले (Graphics Designer),कंप्यूटर प्रोग्रामर, इलैक्ट्रानिक या कंप्यूटर व्यवसाय से जुड़े लोग भी इसी नक्षत्र के अंतर्गत आते हैं.
औषधि निर्माता, मूर्छित करने वाले चिकित्सक / डॉक्टर,शल्य- चिकित्सक, विष- चिकित्सक, मनोचिकित्सक, नेत्र विशेषज्ञ, रसायन तथा खाद निर्माता आर्द्रा नक्षत्र के अंतर्गत आते हैं.
सभी दिमागी खेल जैसे शतरंज, शुडूको आदि, गुप्तचर संस्थायें, अन्वेषक, रडार प्रणाली, लेजर किरणों से उपचार करने वाले, प्रकाश व्यवस्था आदि कार्य आर्द्रा नक्षत्र में आते हैं ।
खाद्यान्न शोधन, फास्टफूड, डिब्बा बन्द खाना आदि भी आर्द्रा नक्षत्र के अधीन आते हैं । नशीले पदार्थ बनानेऔ का व्यवसाय, किराये पर हत्या करवाने वाले व्यक्ति, राजनीति में होने वाले घोटाले भी आर्द्रा नक्षत्र के अंतर्गत आते हैं।
कार्य सिद्धि के लिए तांत्रिक क्रियाएँ करने वाले व्यवसायी, जादू का व्यवसाय करने वाले, हथियारों का व्यवसाय करने वाले लोग, सभी प्रकार के रसों का व्यवसाय चाहे वह फलों का रस हो या मादक पदार्थों का रस हो। वस्त्रों को साफ करने का व्यवसाय अर्थात ड्राईक्लीनर आदि आर्द्रा नक्षत्र के अधिकार क्षेत्र में आते हैं।
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