सुसंतान योग
"यदि पंचम भाव में पंचमेश स्व ग्रही हो तो सुसंतान योग बनता है।"
योग का अर्थ है कि मेष लग्न में पंचम भाव में सूर्य हो, वृषभ लग्न में पंचम भाव में बुध हो, मिथुन लग्न में पंचम भाव में शुक्र हो, कर्क लग्न में पंचम भाव में मंगल हो, सिंह लग्न में पंचम भाव में गुरु हो, कन्या लग्न में पंचम भाव में शनि हो, तुला लग्न में पंचम भाव में शनि हो, वृश्चिक लग्न में पंचम भाव में गुरु हो, धनु लग्न में पंचम भाव में मंगल हो, मकर लग्न में पंचम भाव में शुक्र हो, कुंभ लग्न में पंचम भाव में बुध हो, मीन लग्न में पंचम भाव में चंद्रमा हो । साथ यह ध्यान रखें कि पंचम भाव पंचमेश पुत्र कारक गुरु और सूर्य किसी भी प्रकार से पाप पीड़ित ना हो तो ऐसा संतान पूर्व जन्म के शुभ कार्यों से प्राप्त होता है। ऐसा संतान पर ईश्वर की कृपा सदा रहता है। ऐसे संतानों को शुभ फल और पुण्य प्राप्त होते हैं। या एक शुभ योग है। ऐसे जातक की संतान अपने माता पिता को पूर्ण सुख प्रदान करते हैं। और जीवन में सफलता प्राप्त करते हैं।
बहुत बढ़िया जानकारी
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