रेवती नक्षत्र के व्यवसाय


इस नक्षत्र का विस्तार मीन राशि में 16 अंश 40 कला से लेकर 30 अंश तक रहता है।इस नक्षत्र में चार चरण होता है ।
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प्रथम चरण अक्षर - " दे " ,
प्रथम चरण स्वामी ग्रह - गुरु ।
द्वितीय चरण अक्षर -- " दो " ,
द्वितीय चरण स्वामी ग्रह - शनि ।
तृतीय चरण अक्षर -- " चा " ,
तृतीय चरण अक्षर स्वामी ग्रह -- शनि ।
चतुर्थ चरण अक्षर -- " ची " ,
चतुर्थ चरण अक्षर स्वामी ग्रह - गुरू ।
रेवती नक्षत्र मीन राशि में आता है । मीन राशि का स्वामी ग्रह गुरु होता है । रेवती नक्षत्र का स्वामी ग्रह बुध होता है ।

इस नक्षत्र के अन्तर्गत निम्न व्यवसाय आते हैं :-
इस नक्षत्र के अन्तर्गत सम्मोहन करने वाले, प्रेतों से संपर्क साधने वाले, कलाकार जैसे – चित्रकार, अभिनेता, नट, विदूषक, संगीतज्ञ आते हैं, भाषाविद, जादूगर, घड़ी साज, रेल की पटरी बिछाने वाले अथवा सड़क बनाने की योजना व निर्माण कार्य से जुड़े लोग, भवन निर्माण उद्योग, समय की गणना करने वाले, कैलेंडर अथवा पंचांग निर्माता, ज्योतिषी, दैवीय चिकित्सक, प्रबंधक, आतिथ्य करने वाले स्वागतकर्त्ता, विमान परिचारिका, रत्नों के व्यापारी, मोती उद्योग से जुड़े लोग, जल परिवहन तथा जहाजरानी से संबंधित कार्य, वृद्धाश्रम तथा अनाथाश्रम व्यवसाय, थल परिवहन सेवा आदि कार्य आते हैं।
बस सेवाएँ, धार्मिक संस्थाएँ, वायु यातायात नियंत्रण, पुलिस सेवा, प्रकाश स्तंभ अथवा बिजली घर के कर्मचारी, सड़क सुरक्षा कर्मचारी, वाहन चालक प्रशिक्षक, पानी से उत्पन्न पदार्थ, फूल, नमक, शंख, सुगंधित पदार्थ, व्यापार, नौका चालन, समुद्री यात्रा, मध्यम उद्योग आदि का संबंध रेवती नक्षत्र से माना जाता है।

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