अनुराधा नक्षत्र के व्यवसाय
इस नक्षत्र का विस्तार वृश्चिक राशि में 3 अंश 20 कला से 16 अंश 40 कला तक रहता है । इस नक्षत्र में चार चरण होते है ।
प्रथम चरण अक्षर --"ना" ,
प्रथम चरण स्वामी ग्रह -- सूर्य ।
द्वितीय चरण अक्षर -- "नी " ,
द्वितीय चरण स्वामी ग्रह -- बुध ।
तृतीय चरण अक्षर -- "नू " ,
तृतीय चरण स्वामी ग्रह -- शुक्र ।
चतुर्थ चरण अक्षर --" ने " ,
चतुर्थ चरण स्वामी ग्रह --मंगल ।
वृश्चिक राशि का स्वामी ग्रह मंगल है । अनुराधा नक्षत्र का स्वामी ग्रह शनि है ।
इस नक्षत्र के अन्तर्गत निम्नलिखित व्यवसाय आते हैं :-
जो लोग सम्मोहन का काम करते हैं वह इस नक्षत्र के अंदर आते हैं अर्थात सम्मोहन कर्त्ता, जो भूत-प्रेतों से संपर्क साधने की बात करते हैं, वह भी इस नक्षत्र के अन्तर्गत आते हैं। तांत्रिको को भी इसी नक्षत्र के अन्तर्गत माना गया है ।संस्था का प्रमुख, प्रतिष्ठान का अध्यक्ष, ज्योतिषी आदि इस नक्षत्र के भीतर आते हैं. रात में ड्यूटी देने वाले, नगर अथवा बस्ती में रात की पहरेदारी अथवा चौकीदारी का काम, फोटोग्राफर, सिनेमा संबंधी काम, कला, संगीत प्रस्तुति आदि इस नक्षत्र के अन्तर्गत माने गए हैं।
प्रबंधक, उद्योगपति, संस्थापक, परामर्शदाता, मनोवैज्ञानिक, वैज्ञानिक, अंकशास्त्री, सांख्यिकी विशेषज्ञ, गणितज्ञ, अन्वेषक अथवा खोजी, खदान कार्य, उद्योग श्रमिक, राजदूत, विदेशों में राजा अथवा सरकार के प्रतिनिधि, विदेशों में राजा अथवा सरकार द्वारा व्यापार, पर्यटन उद्योग, सामूहिक काम वाले विभिन्न व्यवसाय आदि अनुराधा नक्षत्र के अधिकार में आते हैं।
सन्धिविग्रह कराने वाले, वास्तुकर्म करने वाले, नेता, पार्टीबंदी करने वाले, यूनियन लीडर, परिहास कुशल, मनोरंजक कार्य करने वाले, यात्राप्रिय, ठण्ड के मौसम में उगने वाली फसलें, गुड़, चीनी आदि व्यवसाय अनुराधा नक्षत्र के अधीन आते हैं ।
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