ज्योतिषी और जजमान के लिए दिशा निर्देश
जब आप एक एस्ट्रोलॉजर से मिलते हैं ग्रह नक्षत्र के बारे में गणना कराते हैं। ज्योतिष महोदय आपको यदि सटीक जानकारी देते हैं, आप उनकी बातों से इत्तेफाक रखते हैं। तो ज्योतिष फलादेश के बाद अपनी मन की बात, उस समस्या को लेकर आपस में चर्चा करें। उससे विषय से संबंधित बातें अपने एस्ट्रोलॉजर से करें। उन्हें उस विषय के बारे में बात कर सलाह मशवरा करें जैसे कि एक मनोचिकित्सक के पास जाकर आप अपनी समस्या के बारे में बतलाते है , एक काउंसलर के पास जाकर अपनी समस्या को बतला कर समाधान पाने की कोशिश करते हैं, जैसे चर्च में कन्फेशन किया जाता है। अपनी बात करके तो देखें , नॉर्मली यह सारी प्रक्रिया जब ऑफिस में कोई जातक आकर एक ज्योतिषी से मिलता है तो यह सारी प्रक्रिया अपनाया जाता है । परंतु सोशल साइट में हम प्रश्न रखते हैं , जिस पर एक एस्ट्रोलॉजर प्रिडिक्शन करता है और उपाय बता कर आगे बढ़ जाता है। एस्ट्रोलॉजिकल उपाय तो मिल गया परंतु सकारात्मक ऊर्जा आपको नहीं मिल पाया। आपको एक मनोचिकित्सक एक काउंसलर के परामर्श से वंचित हो जाते हैं। और आपके समस्या के निराकरण के लिए उचित परामर्श से दुर रह जाते हैं। यकीन मानिए आप जितना ज्यादा अपने एस्ट्रोलॉजर को पकड़ेंगे , जितना ज्यादा उनसे मीटिंग करेंगे , जितना ज्यादा उनका समय लेंगे । उतना ही ज्यादा आपको फायदा मिलेगा। और अच्छे एस्ट्रोलॉजर को चाहिए ज्योतिष विद्या के साथ ही और भी बहुत सारे विषयों के बारे में अध्ययन कर जातक की समस्या का समाधान करने का प्रयास करें।
क्योंकि पूर्व में एक ज्योतिष शास्त्रीय मात्र ज्योतिष विद्या ही नहीं जानता था। आयुर्वेद , योग विद्या , मनोचिकित्सक , परिवार काउंसलर , मोटिवेशनल , बिजनेस एडवाइजर, राजनीतिक एडवाइजर जैसे अनेक विषयों का अध्ययन किए हुए रहते थे। तो आप ज्योतिष सीख रहे हैं ज्योतिषी है तो इन विषयों पर पकड़ बनाइए। एक जातक को यदि ऐसा एस्ट्रोलॉजर मिल जाता है , तो वह उससे सदा के लिए जुड़ जाए निश्चित मानिए वह आपके जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए हर संभव प्रयास करेगा ।
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