आखिर सर्विस के प्रति दीवानगी क्यों

एक समय था जब सरकारी नौकरी का महत्व ही नहीं था।  वह समय था हमारे दादा और पिता का कालखंड। उस समय यदि कोई व्यक्ति थोड़ा सा भी पढ़ लिख लेता था तो सरकारी नौकरी आसानी से मिल जाता था। परंतु सतनामी समाज के लोग उस समय नौकरी को महत्व नहीं देते थे। कारण था, कृषि कार्य से आत्मनिर्भर रहना। नौकरी कर किसी के सामने झुकना नहीं चाहते थे। हमारे दादा भी सर्विस में थे हमारे  चाचा भी सर्विस में थे हमारे पिता भी सर्विस में थे, हमारा पूरा परिवार सर्विस में था । हमारे मामा जी सर्विस नहीं किए उनकी भी नौकरी लगी लेकिन उन्हें छोड़ दिए ऐसे ही बातें उस समय अधिकांश लोगों ने महसूस किया होगा। साथ ही बहुत से लोगों ने सुना होगा। जहां तक मेरा सवाल है मुझे बचपन से व्यवसाय करना पसंद था इसलिए व्यवसाय करता हूं साथ ही लिक से हटके कुछ करना चाहता था।
 परंतु कृषि कार्य से अच्छी इनकम ना होना, कृषि का रकबा दिन-प्रतिदिन कम होते जा ना। सर्विस वालों की आर्थिक सुदृढ़ता एवं उनकी जीवन शैली से प्रभावित होना। यह कुछ कारण है जिसके वजह से नौकरी के प्रति लोगों का रुझान बढ़ने लगा है। जहां तक मुझे लगता है 2004 या 2005 के बाद बहुत से लोगों को नौकरी लगा है। और इस बीच बहुत से कन्याओं का नौकरी पेशा पुरुषों के साथ विवाह हुआ है। परिवारिक रिश्तेदारी दोस्ती यारी मैं जब यह पूछा जाता है कि आपका दमाद क्या करता है। तो फक्र से कहते हैं सर्विस में है। यह एक ऐसा कालखंड होता है जब एक पक्ष फक्र महसूस करता है तो दूसरा पक्ष यदि उसके दमाद सर्विस में ना हो तो मन कचोट सा जाता है। 
 मेरे पिछले पोस्ट में बहुत से युवाओं ने कहा कि सर्विस कम है। सभी को सर्विस मिल पाना संभव नहीं है। क्योंकि देश के आबादी के मात्र 5 परसेंट लोगों को सरकारी नौकरी मिल पा रहा है। बाकी लोगों को प्राइवेट सर्विस, अपना खुद का निजी व्यवसाय , कृषि कार्य , मजदूरी करके जीवन यापन करना पड़ता है। अतः यदि हम आर्थिक रूप से सुदृढ़ बने रहना चाहते हैं, तो जो और भी सेक्टर है उनके प्रति हमें रणनीति के तहत काम करना होगा। जैसे कि आप सर्विस करना चाहते हैं तो बचपन से ही अपना लक्ष्य निर्धारित कर लें और उसे प्राप्त करने के लिए जी-जान से कोशिश करें। लेकिन आप कोई दूसरा फील्ड अपनाना चाहते हैं। जैसे कि कृषि क्षेत्र, कला क्षेत्र, खुद का व्यवसाय, या कुछ भी क्रिएटिव वर्क तो उसकी तैयारी भी बचपन से प्रारंभ कर दें। एक बात याद रखें सर्विस करने से सिर्फ आपका जीवन आर्थिक रूप से सुरक्षित रहेगा लेकिन आप अपना स्वयं का व्यवसाय करते हैं तो अपने बच्चों को भी एक प्लेटफॉर्म देकर जाते हैं। आर्थिक रूप से सुदृढ़ बने रहने के लिए। यदि वे आपके व्यवसाय को संभालना चाहे तो , नहीं तो खुला आकाश है वह जो करना चाहते हैं उन्हें उस क्षेत्र में पंख फैलाकर अकाश में उड़ने दे। वह जो करना चाहते हैं उस क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करें। उन्हें हर संभव मदद करें ताकि वह अपनी लक्ष्य को प्राप्त कर सकें। अपने क्षेत्र में पारंगत बने। प्रतिस्पर्धा से ना घबराए। अपनी मंजिल तक पहुंचने के लिए अपने अंदर जुनून भर लें । तो निसंदेह ही आने वाले कल में आपकी और समाज की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ होगा।

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