मुस्कुराता हुआ चेहरा


1) हंसने से ह्रदय  की एक्सरसाइज हो जाती है| हँसने पर शरीर से डोपामीन , एसिटिल कोलीन, गावा , सेरोटोनिन और एंडोर्फिन रसायन निकलता है, ये द्रव्य ह्रदय को मजबूत बनाते  है। ह्रदय की कार्य क्षमता बड जाती है । ह्रदय शक्तिशाली बनता है और रक्त -संचरण का कार्य अधिक उत्तमता से करता है । रक्त की शुद्धता , उसकी शक्ति और गति में सुधार होता है । शुद्ध रक्त ही जीवन का आधार है । शुद्ध और गतिशील रक्त समस्त दोषों को बहाकर शरीर से बहार कर देता है और समस्त अवयवों को निरंतर पोषण देकर शरीर यंत्र को सब प्रकार से स्वस्थ और कार्य क्षम बनाये रखता है । हँसने से हार्ट-अटैक की संभावना कम हो जाती है।

 

2) कार्टिसोल हार्मोन का स्तर उन लोगों में अधिक पाया जाता है जो उदास , ग़मगीन और असंतुष्ट रहते हैं । यह हार्मोन अवसाद, तनाव , मानसिक झुंझलाहट तो पैदा करता ही है साथ ही साथ सामान्य रक्तचाप, धड़कन, मन्श-पेशियों में तनाव और पसीने का स्तर भी बड़ा देता है । एक रिसर्च के अनुसार ऑक्सीजन की उपस्थिती में कैंसर कोशिका और कई प्रकार के हानिकारक बैक्टीरिया एवं वायरस नष्ट हो जाते हैं। ऑक्सीजन हमें हँसने से अधिक मात्रा में मिलती है और शरीर का प्रतिरक्षा तंत्र भी मजबूत हो जाता है। हंसने  से त्वचा की प्रतिरोधक क्षमता में महत्वपूर्ण वृद्धि होती है । अधिक हंसने वाले लोगों के ई . ई  .जी .  में अल्फा तरंगों [ 8 - 1 3  साइकल्स / सेकंड ] की बहुलता देखी  गई है यह तरंगें तनाव शामक होती हैं  और मांस पेशियों को शिथिल करती हैं  ।

 

3) य़दि सुबह की शुरुआत अच्छी सोच और उत्साहित ब्यक्ति से मिलकर या बात कर किया जाए तो दिन भर प्रसन्नता रहती है। यदि रात में सोने से पहले भी कुछ ऐसा ही किया जाये और साथ ही साथ प्रतिदिन आधे घंटे मनोरंजक, प्रेणादायक और हास्य युक्त किताब पढ़ा जाये तो नींद अच्छी आती है। इस तरह से हम तरक्की की दिशा में अपना कदम बढ़ा सकते हैं, और मिलती सफलता से हम प्रसन्न होते हैं जिससे हमारे शरीर में कई प्रकार के हारमोंस का स्राव होता है, जिससे मधुमेह, पीठ-दर्द एवं तनाव से पीड़ित व्यक्तियों को लाभ होता है। हंसने से रक्त में उपस्थित अम्ल रूपी विष '' लेक्टेट '' काफी मात्र में कम हो जाता है ।ब्लड लक्टेट का बड़ा हुआ स्तर नर्वस सिस्टम को अनावश्यक रूप से उत्तेजित करता है । इसका स्तर निम्न होने पर हृदयघात , रक्तचाप जैसी बीमारियाँ की सम्भावना कम हो जाती है ।  इससे गाढ़ी नींद आती है । शरीर की प्रतिरोधक क्षमता में अभिवृद्धि से लेकर मनोबल बढाने तक का प्रयोजन हंसी के माध्यम से पूरा किया जा सकता है ।

 

4) हँसने से सकारत्मक ऊर्जा भी बढ़ती है, खुशहाल सुबह से काम का माहौल भी खुशनुमा होता है।  हंसी हमारे स्नायुमंडल और ज्ञान तंतुओं का परिमार्जन करती है । इस का सीधा प्रभाव हमारे मस्तिष्क पर पड़ता है । धीरे धीरे हमारी चेतना और बुद्धि की उन्नति होने लगती है और हम सूक्ष्म विषयों को समझ सकने और ग्रहण का सकने में समर्थ होते चले जाते हैं ।  क्यों न हम सब दिन की शुरुवात अपने ही क्षेत्र  के सफल लोगो से बात कर प्रसन्न और उत्साहित मन से जोरदार हँसी के साथ करें।

 

5) रोज एक घंटा हँसने से 300 - 400 कैलोरी ऊर्जा की खपत होती है, जिससे मोटापा भी काबू में रहता है। आज कल कई हास्य क्लब भी तनाव भरी जिंदगी को हँसी के माध्यम से दूर करने का कार्य कर रहे हैं। यदि हम चाहे तो दिन भर अपने काम में खुश, उर्जावान और भरपूर उत्साहित रहकर भी ऐसा कर सकते हैं।

 

6)प्रसन्न चित होकर बात करना , थोडा मुस्कराते जाना प्रभाव डालने का बहुत अच्छा तरीका है । थोडा मुस्कराने से चहरे के आस  पास  की नसें इस प्रकार तनती हैं की उनमें मस्तिष्क की प्रभावशाली विद्युत धारा  खिंच जाती है । यह केवल उन नसों  में होकर होठों या गालों  पर ही प्रदर्शित नहीं होती है वरन नेत्रों में भी उसका एक बड़ा भाग पहुंचता है और वे भी चमकने लग जाते हैं । वैज्ञानिक यंत्रों द्वारा इस बात की पुष्टि हो चुकी है की हँसते हुए चहरे में साधारण दशा की अपेक्षा करीब 5  गुना विद्युत अधिक होती है । यह दूसरों पर आश्चर्यजनक प्रभाव डालती है  और जब लौट कर आती है तो रक्त संचार और स्नायु  मंडल पर बड़ा हितकारी प्रभाव डालती है ।

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