परीक्षा में सफलता के कुछ उपयोगी सुझाव

1, ब्राह्मी बूटी को गले में धारण करने से स्मरण शक्ति बढ़ता है तथा शिक्षा के प्रति एकाग्रता मैं वृद्धि होता है ।
2, प्रतिदिन दोनों हाथ से तर्जनी और अंगूठे  के अग्रभाग को मिलाकर शेष उंगलियों को सीधा रखते हुए सुखासन, पद्मासन या वज्रासन में बैठकर अपने गुरु या इष्ट को स्मरण करते हुए ध्यान लगाएं इससे आपका स्मरण शक्ती मैं वृद्धि होगा।
3, विद्यार्थियों को अपने कक्ष में हरे परदे अथवा हरे टेबल कवर का प्रयोग करना चाहिए।
4, किसी पुस्तक का अध्ययन करते समय उस पुस्तक को ससम्मान अपने मस्तक से लगाये । यदि पुस्तक खंडित हो तो ऐसी पुस्तक के अध्ययन से एकाग्रता भंग होता है। खाते-पीते अध्ययन ना करें। चाय एवं सिगरेट पीते समय भी अध्ययन नहीं करना चाहिए।
5, गंदे हाथों से , गंदे स्थानों पर पुस्तक नहीं रखे। अध्ययन करते समय अन्य कार्य ना करें । समय-समय पर पुस्तकों की साफ-सफाई एवं देखभाल करते रहे।
6, कुछ समय के लिए पुस्तकों को धूप में रखें , इससे सूर्य का प्रभाव प्रबल होता है विशेष रुप से जिन जातकों की कुंडली में सूर्य बुध का योग होता है। सूर्य के प्रकाश में अध्ययन करने से वे शीघ्र ही विषय में पारंगत हो जाते हैं।
7, विद्यार्थी को अपने बालों से कानों को ढक कर ना रखें। ऐसी स्थिति में विद्यार्थी भ्रमित तथा लापरवाह होता है।
8, विद्यार्थी को बासी भोजन नहीं करना चाहिए ऐसा करने से विद्यार्थी रचनात्मक कार्यों एवं विचारों से पृथक हो जाता है।
9,यदि अध्ययन के प्रति एकाग्रता कम हो रहा हो तो नवग्रह के रंग के अनुसार नव हकीक हरे वस्त्र में बांधकर विद्यार्थी को अपने अध्ययन कक्ष में रखना चाहिए तथा प्रत्येक बुधवार को उन्हें देखकर पूरा बांध देना चाहिए।
10, फेंगशुई के अनुसार जिस विद्यार्थी के कक्ष में एजुकेशन टावर होता है उसे शिक्षा में निरंतर सफलता प्राप्त होता है।एजुकेशन टावर को समतल स्थान में रखना चाहिए उसे किसी अलमारी में बंद करके नहीं रखना चाहिए।
11, अध्ययन कक्ष पृथक ना हो, तो सामूहिक कक्ष में पूर्व दिशा की ओर मुख करके इस प्रकार बैठना चाहिए की मुख दीवार की ओर रहे ।  कोने में विद्यार्थी को नहीं बैठना चाहिए विशेष रूप से दीवारों की कोने की ओर मुख करके बैठने से विद्यार्थी की प्रतिभा प्रकट नहीं हो पाता।
12, विद्यार्थी को अपने अध्ययन कक्ष में जो उनका गोल हो उस ड्रेस में अपनी तस्वीर खिंचवा कर लगाना चाहिए।
13, जूते पहनकर अध्ययन कक्ष में ना पढ़ा करें। अध्ययन कक्ष की टेबल में ताश एवं शतरंज आदि अन्य खेल नहीं खेलना चाहिए।
14, परीक्षा के लिए जाते समय पूज्य व्यक्तियों के चरण स्पर्श कर आशीर्वाद लेकर जाएं तथा घर के पूजा घर में गौ घृत का दीपक जलाएं।
15, परीक्षा के दौरान विद्यार्थी के कक्ष के द्वार पर नीम की डाली लगाये । इससे वायरल बीमारी का खतरा नहीं रहेगा , सूक्ष्म कीटाणु विषाणु को नीम के पत्ते से टकराकर आने वाली हवा नष्ट कर देता है। जिससे कक्ष में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
16, विद्यार्थी को ऐसे स्थान पर बैठकर नहीं पढ़ना चाहिए जहां पर बाहर की वायु का प्रवाह सीधे विद्यार्थी तक पहुंचता हो अर्थात द्वार एवं खिड़की के समीप बैठकर नहीं पढ़ना चाहिए।
 राजेश्वर आदिले 
ज्योतिष एवं वास्तु सलाहकार

Comments

Popular posts from this blog

दशमांश कुंडली का महत्व

ब्रांड

अमर टापू धाम