धर्म और विज्ञान एक दूसरे के पूरक
धर्म और विज्ञान एक दूसरे के पूरक हैं। धर्म के अंदर रूढ़िवाद और अंधविश्वास का जन्म होने लगता है तो विज्ञान उसे अपने कसौटी पर कसता है। और विज्ञान जब नियंत्रण से बाहर हो जाए तो धर्म उसे मानवता का पाठ पढ़ा विध्वंसक कार्यों से रोकता है। धर्म के अंधविश्वास से तो आप सभी परिचित हैं। विज्ञान के विध्वंसक कार्यों से भी आप परिचित ही हैं। इन दोनों विषय पर अब ज्यादा नहीं लिखूंगा। परंतु आपके सामने एक नई कहानी लेकर आया हूं साइंस फिक्शन के ऊपर। अभि इस पर खोज जारी है। और संभावना है भविष्य में इसका खोज हो जाए और मानव उपयोगी बन जाए। यह खोज एक ऐसे माइक्रोचिप की जिसको मस्तिक से जोड दिया जाए तो इसके बाद में बच्चे को पढ़ने की आवश्यकता नहीं है । किसी भी विशेष प्रकार की ज्ञान को अर्जित करने के लिए लंबे प्रक्रिया से गुजरना आवश्यकता नहीं है। हमको जो भी ज्ञान अर्जित करना है अपने जीवन में वह सारे ज्ञान इस माइक्रोचिप में होंगे। और वह सारे अद्भुत विशेषता हमारे अंदर आ जाएगा। जैसे कि हम बचपन से किसी डाटा को संग्रहित करते रहते हैं और उसको अपने सुपर कंप्यूटर (मस्तिष्क) में अपलोड करते रहते हैं। ऐसा ही यह माइक्र...