वायव्य कोण
वायुव्य कोण का स्वामी ग्रह चंद्रमा होता है जबकि इस दिशा का देव वायु देव है। इस दिशा से हम सहयोग यात्रा अन्न का भडारण कुछ सुधार के सात रसोई घर बना सकते हैं। 1- यदि आपके घर का वायव्य कटा हुआ है, तो यह वायु तत्व की कमी का कारण बनता है। इसके फलस्वरूप सिरदर्द, चक्कर आना व एनर्जी की कमी जैसी समस्याओं से आपको दो-चार होना पड़ सकता है। 2- वायव्य का दक्षिण-पश्चिम या दक्षिण-पूर्व दिशा से ऊंचा होना भी वायु तत्व में असंतुलन की स्थिति उत्पन्न कर देता है। इससे व्यक्ति अपना अधिकांश वक्त व्यर्थ की और अनावश्यक बातों को सोचने में खर्च कर देता है। 3- विदेश जाने के इच्छुक लोगों के लिए वायव्य दिशा बेहद महत्वपूर्ण है। इस दिशा का वास्तु सम्मत होना और इस स्थान पर स्थित बेडरूम में सोना व्यक्ति को अपने पैतृक स्थान से दूर जाने में सहायक होता है। 4, वायव्य कोण में पति-पत्नी का बेडरूम नहीं होना चाहिए। 5, वायु को में पैसा से संबंधित अलमारी या फिर तिजोरी नहीं होना चाहिए। 6, वायव्य कोण में बैठक रूम अच्छा रहता है। 7, वायव्य कोण में अंडर ग्राउंड पानी की टंकी नहीं बनना चाहिए यदि बनाते हैं तो आप मुकदमे या कोर्ट कचहरी के मा...