पत्नी के कमाई पर पति का हक कितना
यह तो हम सभी को पता है कि हमारा समाज पुरुष प्रधान है। पुरुष को ही अपने घर के आर्थिक जरूरत को पूरा करने के लिए परिश्रम कर अर्थ उपार्जन करना होता है। परंतु अब समय बदल गया है, स्त्रियां भी सर्विस कर रही है।
यदि पति कमाकर घर चला रहा हो तो शायद ही पैसे को लेकर विवाद होता होगा। एक भारतीय पुरुष को परिश्रम कर घर के खर्चो को उठाने में गर्व महसूस होता है।
भले पति पत्नी में लाख विवाद हो लेकिन जब पति अपनी पत्नी के छोटी-छोटी जरूरतों का ख्याल रख उसे पूरा करता है तो इस पल में ही पत्नी अपने लिए प्रेम ढूंढ लेती है। या यूं कहे कि यह भी प्रेम प्रदर्शित करने का एक तरीका है। जिसे शिद्दत से एक पत्नी समझती है। और पुरुष भी अनजाने में ही सही अपना प्रेम प्रगट करता है।
यदि इसके साथ शब्दों में भी पुरुष अपने प्रेम को प्रगट करता है तो दांपत्य जीवन खुशियों से भर जाता है।
लेकिन यदि पत्नी कमाने वाली हो और पत्नी की कमाई पर पति मौज करता हो , साथ ही पत्नी के जरूरतों पर ध्यान ना देता हो, दोनों के मध्य आपस में विवाद होता ही रहे। तो पत्नी को किसी भी एंगल से अपने प्रति प्रेम, पति का नहीं दिखाई पड़ता।
जिसके कारण पैसे को लेकर पति-पत्नी में विवाद होने लगता है।
यहां पुरुष वर्ग यह सोच सकता है की हम पैसा कमा कर घर चलाते हैं तो भी हमें घमंड नहीं रहता। और पैसे को आधार मानकर कभी भी विवाद नहीं करते।
दरसल इस स्थिति में पत्नी के उस अनजान पहलु को नहीं समझ पा रहे हैं। भले ही पत्नी आर्थिक रूप से सपोर्ट ना करें। परंतु अपने पति के हर छोटी से छोटी जरूरत का ख्याल रखती है। कब पानी चाहिए, कब कपड़े चाहिए अर्थात पति के हर छोटी छोटी जरूरत के लिए पति के पीछे भागती है और इसी पल में पति अपने पत्नी का प्रेम को भी महसूस कर लेता है। ऐसा नहीं है कि वह अपनी छोटी-छोटी जरूरत पूरा नहीं कर सकता खुद से परंतु इस छोटे-छोटे पलों में जो सामिप्य से प्रेम प्राप्त होता है वह प्रेम विवाद के बाद भी रिश्ते को जिंदा रखने में उष्मा प्रदान करते हैं ।
अतः पत्नी के पैसे में मौज करना से जो विवाद पैदा होता है उसके मूल कारण प्रेम ना मिल पाना होता है। परंतु वे सहायक कारण पैसे को आधार मानकर पैसे खर्चों की बात को लेकर आपस में लड़ते रहते हैं।
ऐसी स्थिति में जब पति पत्नी में विवाद होता रहे तब पति को चाहिए कि वह घर चलाने की जिम्मेदारी अपने कंधों पर ले ले। पत्नी के पैसे को छुए भी मत। वह जो भी कमाती है। उस पैसे को रखने और खर्चा करने का संपूर्ण अधिकार अपनी पत्नी के हाथ में ही रहने दे। और अपनी पत्नी का दिल जीतने का प्रयास करें।
✍ राजेश्वर आदिले
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बहुत सही लेख है
ReplyDeleteथैंक्यू
Deleteबहुत वास्तविकता से युक्त लेख है 🙏🙏
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