चंद्रमा की विशेष व्यवस्था
शुक्ल पक्ष में प्रतिपदा तिथि से लेकर दसमीं तिथि तक चंद्रमा बढ़ता हुआ रहता है इस कारण से इस काल में मध्यम बली होता है।
शुक्ल पक्ष के एकादशी तिथि से लेकर कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि तक चंद्रमा उत्तम बलि होता है।
कृष्ण पक्ष के षष्ठी तिथि से लेकर अमावस्या तिथि तक चंद्रमा अल्प वीर्य अर्थात क्षीण ( हीन ) बली होता है।
वराह के मत अनुसार
कृष्ण पक्ष के चतुर्दशी तिथि अमावस्या तिथि और शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को चंद्रमा क्षीण बली होता है अर्थात इस समय चंद्रमा पापी होता है।
पराशर के मतानुसार
कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि से लेकर शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि तक चंद्रमा क्षीण बली होता है।
नोट
जब हमने की थी का अध्ययन किया था तब हमने चंद्रमा के बारे में विशेष अध्ययन किया था प्रत्येक तिथि के अनुसार ।
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