शुभाशुभ ग्रह

सूर्य  क्रूर ग्रह है
चंद्र, बुध , गुरु और शुक्र शुभ ग्रह हैं।
क्षीण चंद्र , शनि,  राहु,  केतु , मंगल और पाप युक्त बुध  पाप ग्रह की श्रेणी में आते हैं।

नोट 
सूर्य आत्मा का कारक है, साथ ही सूर्य के करीब दूसरे ग्रह होने पर उस ग्रह को अस्त भी कर देता है। जिससे दूसरे ग्रह का प्रभाव क्षीण हो जाता है। भारतीय वैदिक ज्योतिष में सूर्य को क्रूर ग्रह कहा गया है।
पापी ग्रह से अभिप्राय है जहां बैठते हैं और जिस भाव यह ग्रह को देखते हैं उसके फल में हानी करते हैं।
शुभ ग्रह जिस भाव में बैठता है जिस ग्रह के साथ जहां बैठता है और जिस भाव को देखता है और जिस ग्रह को देखता है उस भाव के फल मैं वृद्धि करता है। 
यह सामान्य नियम है।

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