ग्रहों का शाखाधिपत्यादि
सरावली के मत के अनुसार ग्रहों को निम्न वेदों का अधिकार दिया गया है। तथा या मत प्रचलित भी है । एक विचार यह भी है कि जो ग्रह बलवान हो उसी के वेद मंत्रों को पूजा में प्रयोग करें तो विशेष शुभ होता है। अथवा अनिष्ट ग्रह शांति में तत्तव्वेदोक्त विधानो का ही प्रयोग करें।
गुरु - ऋग्वेद
शुक्र -यजुर्वेद
मंगल-सामवेद
बुध - अथर्ववेद
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