उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र से संबंधित व्यवसाय


 सिंह राशि में 26 अंश40 कला से आरंभ होता है और कन्या राशि में 10 अंश तक विस्तारित रहता है.इस नक्षत्र में चार चरण होते है ।
प्रथम चरण अक्षर " टे " ,
प्रथम चरण स्वामी ग्रह - गुरु ।
द्वितीय चरण अक्षर " टो " ,
द्वितीय चरण स्वामी ग्रह -  शनि।
तृतीय चरण अक्षर  "पा"
तृतीय चरण स्वामी ग्रह -  शनि।
चतुर्थ चरण अक्षर " पी " ,
चतुर्थ चरण स्वामी ग्रह 
-  गुरू।
इस नक्षत्र के प्रथम चरण सिंह राशि में आता है , जिसका स्वामी सूर्य है । शेष तीनों चरण कन्या राशि में आता है , जिसका स्वामी ग्रह बुध है ।
 उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र  के अधिन निम्नलिखित व्यवसाय आता है -
इस नक्षत्र के अधिकार में सृजनात्मक कलाकार, संगीतज्ञ, मनोरंजन करने वाला, सुपर स्टार, प्रबन्धक, नेता, लोकप्रिय खिलाड़ी, वरिष्ठ अधिकारी, सांसद या मंत्री, मीडिया अथवा जनसंपर्क साधन, मनोरंजन उद्योग, पुरोहित, कर्मकाण्डी, धर्म गुरु, मुख्य अधिकारी, ठग व तस्करों का नेता ,प्रवचनकर्ता, दानशीलता, परोपकारिता, विवाह सलाहकार अथवा विवाह कराने वाले आदि इस नक्षत्र के अधिकार क्षेत्र में आते हैं।
यौन रोग चिकित्सक, सामाजिक प्रतिष्ठान के संस्थापक अथवा संरक्षक, वित्तीय संस्थान में अधिकारी, समाज सेवक, जीवन के विभिन्न क्षेत्रों से संबंधित परामर्श विशेषज्ञ, वास्तुवेत्ता, भवन निर्माता, कोमल अन्न व्यवसायी, सच्चरित्र लोग, ईमानदार, राजा, धनाढ़्य लोग, विद्या अथवा धन का प्रदर्शन करने वाले लोग इस नक्षत्र के अधिकार में आते हैं । यह नक्षत्र लचीला माना जाता है जिससे जातक परिस्थिति के अनुरुप स्वयं को ढालने में कुशल होते हैं जिससे इस नक्षत्र का जातक किसी भी क्षेत्र में उत्कृश्ट सफलता तथा सम्मान पाने में सक्षम रहता है।

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