अश्लेषा नक्षत्र के व्यवसाय
कर्क राशि में 16 अंश 40 कला से 30 अंश तक रहता है। इस राशि के चार चरण होते है ।
प्रथम चरण अक्षर "डीं" ,
प्राथम चरण स्वामी ग्रह - गुरु ।
द्वितीय चरण अक्षर "डू " ,
द्वितीय चरण स्वामी ग्रह - शनि ।
तृतीय चरण अक्षर "डे" ,
तृतीय चरण स्वामी ग्रह -शनि ।
चतुर्थ चरण अक्षर "डो" ,
चतुर्थ चरण स्वामी ग्रह -गुरु ।
कर्क राशि का स्वामी ग्रह चन्द्रमा होता है ।
इस नक्षत्र का स्वामी ग्रह बुध है. इस नक्षत्र के अन्तर्गत निम्नलिखित व्यवसाय आते हैं -
इस नक्षत्र के अन्तर्गत नशीले पदार्थों का कार्य, विष से संबंधित व्यवसाय, कीटनाशक दवाएँ, विष द्वारा उपचार के कार्य, दवाईयाँ भी विष की श्रेणी में आता हैं । पैट्रोल उद्योग, रसायन शास्त्री, तम्बाकू से बनने वाली सभी वस्तुएँ जो आजीविका के रुप में काम में लाया जाता हैं ।मादक पदार्थों की तस्करी, ठगी करने वाले लोग भी अश्लेषा नक्षत्र के अन्तर्गत आते हैं ।
धन से संबंधित सभी प्रकार के घोटाले, वेश्या वृ्ति का व्यापार, अश्लील किताबों की बिक्री से आजीविका चलाने वाले व्यवसायी, साँपो से संबंधित खोज, साँपों का अजायबघर, साँपों का पालन केन्द्र, साँपों के विष का संग्रहण करके उसे विभिन्न चीजों में इस्तेमाल करने का व्यवसाय भी इस नक्षत्र के अन्तर्गत आते हैं.
गुप्तचर संस्थाएं, छिपकर काम करने वाले अपराधी व असामाजिक तत्व, योग का प्रशिक्षण देने वाले लोग, तांत्रिक कार्यों से धन कमाने वाले व्यक्ति, हिप्नोटिज्म करने वाले व्यक्ति, ढ़ोंगी आध्यात्मिक व्यक्ति या साधु या धार्मिक गुरु जो लोगों को ठगकर धन कमाते हैं ।
कई विद्वानों का मत है कि व्यक्ति अश्लेषा नक्षत्र के स्वामी ग्रह बुध के कारकत्व से लाभ पाता है. जातक नृ्त्य, संगीत, साहित्य, कला व पर्यटन से जुडे़ कार्यों से आजीविका कमाता है ।किसी भी प्रकार का व्यापार, दलाली से आजीविका चलाने वाले लोग, कलाकार, पत्रकार, लेखन कार्य करने वाले व्यक्ति, टाईपिंग करके आजीविका प्राप्त करने वाले व्यक्ति, वस्त्र निर्माण व बेचने वाले जातक, नर्स, विमान परिचारिका और स्टेशनरी के कार्य से आजीविका कमाने वाले व्यक्ति सभी इस नक्षत्र के अन्तर्गत आते हैं ।
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