नकारात्मक ऊर्जा का भंडार

यदि आप में दूसरों के दुर्गुण देखने की प्रवृत्ति है , साथ ही आप जिसे चाहते हो उसके दुर्गुणों को नहीं देखते। लेकिन जिसे आप चाहते हैं वह भी आपके इस प्रवृत्ति को देखकर कुछ समझाने का प्रयास करें । तब आप उसके भी दुर्गुण गिनाने से पीछे नहीं रहते । तो मान कर चले आप नेगेटिव ऊर्जा के भंडार हैं। आप के संपर्क में आने वाला व्यक्ति यदि आपकी बातों को मानकर चलें तो उसके संसार में दुख कब अपना आकार ले ले , यह बात उस व्यक्ति को पता ही नहीं चल पाएगा। अतः यदि आपकी मजबूरी है इस नेगेटिव ऊर्जा के इंसान के साथ रहना तो सकारात्मक चिंतन पर जोर दें।तभी आपका भला हो सकता है। नेगेटिव ऊर्जा के भंडार को ज्ञान मुद्रा कराएं ताकि धीरे-धीरे नकारात्मक सोच सकारात्मक सोच में बदल सके।
 ✍️एस्ट्रो राजेश्वर आदिले

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