गोचर के नीच के शुक्र पर प्रभाव 1 माह तक
आज सुबह 7:05 को सूर्य का राशि परिवर्तन हुआ है। अपने नीच राशि तुला में चला गया। 23 अक्टूबर 2020 को सुबह 10:45 मिनट में शुक्र भी नीच का हो जाएगा। जोकि 17 नवंबर तक नीच के राशि में रहेगा। काल पुरुष की कुंडली को देखा जाए सप्तम भाव का स्वामी शुक्र है। जोकि दैनिक व्यवसाय, दांपत्य जीवन को प्रभावित करता है। 23 अक्टूबर को जब शुक्र नीच राशि में होगा तो शुक्र पर मंगल की दृष्टि होगा, शुक्र की दूसरी राशि वृषभ राशि में राहु स्थित होगा। तुला राशि में सूर्य नीच का होगा ही। मंगल की आठवीं दृष्टि होगी तुला राशि में। शनि की दसवीं दृष्टि होगा तुला राशि में। शुक्र की दूसरी राशि वृषभ में राहु स्थित होगा। शुक्र छठे भाव में होगा। अतः इस समय मेष राशि और तुला राशि वालों के वैवाहिक जीवन में उथल-पुथल आएगा। स्वास्थ्य से संबंधित परेशानी उत्पन्न होगा।
इस कालखंड में गाल का ग्लो कम हो जाएगा। सौंदर्य से संबंधित कुछ न कुछ समस्या देखने को मिलेगा। चर्म रोग होंगे। गुप्त रोग होंगे। किडनी से संबंधित बीमारी होगा। जीवनसाथी के प्रजनन अंग से संबंधित बीमारियां होने की संभावना रहेगा। पुरुषों के भी प्रजनन अंग एवं अंडकोष से संबंधित बीमारियां होगा। इस समय महिलाएं सतर्क रहें। प्रेम संबंधों में धोखा हो होगा। छेड़छाड़ और जबरदस्ती के केस बढ़ सकते हैं। भोग विलासिता बढ़ेगा, कपड़ों का व्यवसाय मंदी में रहेगा। फिल्म संगीत उद्योग घाटे में रहेंगे। लग्जरी उद्योग जी घाटे में रहेंगे। कला क्षेत्र से संबंधित किसी कलाकार की छती हो सकता है। दांपत्य जीवन में कलह एवं वैवाहिक मामले तलाक के केस तक पहुंच सकते। अपयस का सामना करना पड़ेगा। काव्य रचना में फुहड़ता का समावेश हो जाएगा। वृषभ राशि कृषि से संबंधित है खाद्य पदार्थों में तेजी का दौर रहेगा।
यह सब स्थित उनके लिए बनेगा जिनकी जन्म कुंडली में शुक्र पाप पिडित होगा। शुक्र का महादशा या अंतर्दशा चल रहा होगा। मेष और तुला राशि के लोग विशेष रूप से सतर्क रहें। अपने शब्दों पर कंट्रोल रखें । जितना जरूरी है उतना ही बोले। स्त्री है तो पुरुष वर्ग से और पुरुष है तो स्त्री वर्ग से दूर रहे। किसी भी मामले में आपस में ना उलझे ।
उपाय के लिए
कनकधारा स्तोत्र का पाठ करें।
महिलाओं का सम्मान करें।
बहते जल में इत्र बहाए।
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