पुत्र द्वारा विदेश कीर्ति योग
✍️ Astro Rajeshwer Adiley
"पंचम भाव का स्वामी सातवें भाव में हो, पंचमेश उच्च ,मित्र राशि में स्थित हो और शुभ ग्रहों द्वारा देखा जाता हो तो यह योग बनता है"
यह योग कर्क लग्न कुंभ लग्न और मीन लग्न की कुंडली में बनता है। कर्क लग्न कुंडली में पंचमेश सप्तम भाव में हो तो उच्च होता है , जबकि कुंभ लग्न और मीन लग्न की कुंडली में पंचमेश मित्र राशि में होता है। साथ ही पंचमेश सप्तम भाव में स्थित होकर शुभ ग्रह अर्थात पक्ष बली शुभ चंद्र , गुरु और शुक्र की दृष्टि में हो तो यह योग घटित होता है। इस योग के फल स्वरुप ऐसे जातक का पुत्र अपने जन्म स्थान जन्मभूमि को त्याग कर परदेस जाता है तथा अपनी योग्यता से विदेश में खूब धन रुपया एवं यस कमाता है।
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