दुःख दर्द
जब तक इंसान का जिवन है दुख दर्द से नाता तो रहेगा ही , इससे कोई भी मनुष्य बच नही सकता है । कुछ मनुष्य होते है जो इससे जल्दी बाहर आ जाते है लेकिन कुछ मनुष्य दर्द के सागर में डुबे रहते है । हमेशा अपने दुख ,दर्द के बारे में ही बात करते रहते है । जिसके कारण धिरे धिरे इनके मित्र , परिचित , रिस्तेदार कटने लगते है । जब इन्हे देखते है तो दुर से ही रास्ता बदल देते है । कारण है कि हर मनुष्य अपने जीवन में परेशान है , वह दो पल अपने मित्रो , परिचित , रिस्तेदारो के साथ रह कर खुशनुमा समय व्यतीत करना चाहता है । अतः यदि आप अपने दुख दर्द से बाहर निकलना चाहते है लाख गमों दर्द हो आपके सीने मे दफ़न फिर भी मुस्कान बिखेरे , दुनिया को हसाये , जब लोग आपके पास आये तो अपना दुख दर्द भूल जाये यक़ीन मानिये इस राश्ते पर चल के आप सबके चहेते बन जायेंगे और आपका भी दर्द धीरे धेरे खत्म हो जायेगा । अतः एक नयी शुरुआत करे ख़ुशियाँ बाँटने का , शायरी , चुटकीला , अपना हुनर जो भी आपके अंदर खुबी है, उसे बाँट कर ख़ुशियाँ बाँटे । इससे निश्चित ही आपके दोस्तों के दायरे बडता चला जायेगा , आप सबके दिलों में रहने लगेंगे ।
✍️एस्ट्रो राजेश्वर आदिले
जय सतनाम ।
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