जन्म कुंडली के माध्यम से जीवन साथी के बारे में

 

प्रत्येक लड़की के मन में अपने जीवन साथी के लिए कुछ कल्पनाएं होती है। जैसे कि उसका पति सुंदर हो, हष्ट पुष्ट हो ,आकर्षक व्यक्तित्व वाला, पढ़ा-लिखा, उत्तम गुणों वाला हो सच्चरित्र हो । माता-पिता को भी अपने बेटी के प्रति कुछ ऐसा ही सपना होता है कि उनकी बेटी सुखी रहे, उसे अच्छा वर मिले, घर परिवार अच्छा हो।

लड़की की जन्म कुंडली में सप्तम भाव से उसके भावी ‍जीवनसाथी के बारे में विचार किया जाता है। साथ ही नवांश कुंडली को भी देखना चाहिए। सप्तम भाव, सप्तमेश, सप्तम भाव में पड़ने वाले ग्रहों की दृष्टि , सप्तम भाव में अन्य ग्रहों की युति, सप्तमेश किन ग्रहों के साथ है, सप्तमेश वक्री है या अस्त, नीच का तो नहीं ऐसी बातों का अवलोकन करना चाहिए।

प्रत्येक कन्या ऐसा जीवनसाथी चाहती है , जिस पर उसे गर्व हो।  यानी वह उसकी चाहत की कसौटी पर खरा उतरता हो। लड़कियाँ लड़के के रंग-रूप या कद-काठी की बजाए उसकी पढ़ाई- लिखाई, कमाई और व्यक्ति के गुणों को अधिक महत्व देती हैं। यदि पति हैंडसम हो और गुणों की खान भी तो सोने पर सुहागा।

लड़कियाँ ऐसे लड़के से शादी करना चाहती हैं जो खुले विचारों का हो जिसकी सोच दकियानूसी न होकर विस्तृत हो, क्योंकि तभी वह अपनी पत्नी की इच्छाओं और भावनाओं को समझ सकता है तथा उसकी कद्र कर सकता है।

लड़कियाँ ऐसे लड़के पसंद करती हैं, जो केवल उनका पति ही बनकर न रहे अपितु एक सच्चा दोस्त भी बने और सुख-दुख में साथ भी निभाए।

लड़कियों की नजर में वह लड़का उनका जीवनसाथी बनने योग्य है, जो अपनी पत्नी की उपलब्धियों पर खुश हो तथा गर्व का अनुभव करे न कि ईर्ष्या करे या उसकी प्रतिभा को कुचलने का काम करे।

प्रत्येक लड़की ऐसा पति चाहती है जो कंजूस न हो और खुले हाथ से खर्च कर सकता हो, क्योंकि कंजूस युवक के साथ उन्हें अपने जीवन की खुशियाँ नहीं मिल सकतीं।

अच्छा कमाऊ लड़का ही वह पति के रूप में चाहती हैं। पत्नी की कमाई पर ऐश करने वाले या निर्भर रहने वाले लड़के को वह कभी पसंद नहीं करती।

ज्यादातर लड़कियाँ चाहती हैं कि उनका पति उनसे पढ़ा-लिखा, समझदार और योग्य हो।

लड़कियां चाहती है कि उसका पति अपने पैरों पर खड़ा हो अर्थात आत्मनिर्भर हो ना कि अपने माता-पिता पर आश्रित हो।

लड़कियों की नजर में एक अच्छा पति वह है, जो अपनी पत्नी को अपने समकक्ष दर्जा दे न कि उसे अपने पैरों की जूती समझे। स्वाभिमान को ठेस पहुँचाने वाले को वह कभी जीवनसाथी बनाना नहीं चाहती, क्योंकि ऐसे लोग पत्नी पर हाथ उठाना या उसके स्वाभिमान को ठेस पहुँचाने में अपनी मर्दानगी समझते हैं।

लड़कियाँ ऐसे लड़के से साथ जीवन जीना चाहती हैं, जो उसे प्यार करे, सम्मान दे और साथ  दे सके। शादी के बाद भी यदि उसे अकेलापन काटना पड़े तो ऐसी शादी से क्या फायदा? खासकर जो लड़के विदेश में नौकरी करते हैं, या दूसरे शहर में नौकरी करते हैं। यदि वे अपने साथ अपनी पत्नी को ले जाएँ तब तो ठीक अन्यथा पिया मिलन की आस में जिंदगी कट जाती है।

यदि साथ में रहने पर भी यदि पति के पास अपनी पत्नी के लिए समय नहीं है तो पत्नी को पीड़ा होती है। कोई भी पत्नी कम आमदनी में गुजर-बसर कर लेगी, लेकिन उसे पति का साथ चाहिए।

हर लड़की ऐसे लड़के से शादी करना चाहेगी, जो पत्नी की अहमियत को समझता हो तथा हर महत्वपूर्ण फैसले में उसकी राय लेता हो।

लड़कियों की नजर में एक अच्छा पति वह है, जो अपनी पत्नी को अपने समकक्ष दर्जा दे न कि उसे अपने पैरों की जूती समझे। स्वाभिमान को ठेस पहुँचाने वाले को वह कभी जीवनसाथी बनाना नहीं चाहती, क्योंकि ऐसे लोग पत्नी पर हाथ उठाना या उसके स्वाभिमान को ठेस पहुँचाने में अपनी मर्दानगी समझते हैं।अ

अवगुणी लड़के को कभी भी कोई लड़की अपना जीवनसाथी बनाना नहीं चाहेगी, फिर चाहे वह किसी तरह का नशा करता हो या किसी बुरी अथवा आपराधिक प्रवृत्तियों में लिप्त हो। ये सब ऐसी लतें या आदते हैं, जो किसी भी पत्नी का जीवन नर्क बना देती हैं।

हँसमुख,मिलनसार,समझदार और विचारशील हो।

सहनशील होना बहुत जरुरी है

सुन्दर,सुशील और संस्कारी हो

महत्वाकांक्षी और स्वावलम्बी हो

रोमान्टिक हो, रोमान्स जो उमर के साथ साथ बढता जाय

अन्तिम मगर बहुत ही महत्वपूर्ण कि मुझ पर पूर्णरूपेण विश्वास करता हो। आपसी विश्वास ही वैवाहिक जीवन का आधार होता है।

युवा ऐसे जीवनसाथी को तरजीह देने लगे हैं जो धूम्रपान नहीं करता हो या कभी कभार करता हो।

जन्म कुंडली के आधार पर जानने की कोशिश करते हैं कि आपको कैसा जीवनसाथी प्राप्त होगा ।

यदि जन्म पत्रिका (कुंडली) का अध्ययन करते समय डिब्बा बातों का ध्यान रखा जाए तो भावी जीवनसाथी की झलक पहले से ही मिल सकती है..जेसे—-

 सप्तम भाव में शनि हो तो अपने से अधिक उम्र वाला वर मिलेगा, रंग सांवला भी हो सकता है।

 सप्तमेश शुक्र उच्च का होकर द्वादश भाव में हो तो जन्म स्थान से दूर विवाह होगा, लेकिन पति सुंदर होगा।

 सप्तम भाव में मंगल उच्च का हो तो ऐसी कन्या को वर उत्तम, तेजस्वी स्वभाव का, पुलिस या सेना में काम करने वाला मिल सकता है।

 सप्तम भाव में धनु का गुरु हो तो ऐसी कन्या को मिलने वाला वर सुंदर, गुणी, उद्यमी या वकील, शिक्षक या बैंककर्मी भी हो सकता है।

  सप्तम भाव में मंगल के साथ शनि हो तो ऐसी कन्या को वियोग का योग होता है।

 

सप्तम भाव में शुक्र-शनि साथ हो तो ऐसी कन्या को वर सांवला, सुंदर, आकर्षक, इंजीनियर या चिकित्सा के क्षेत्र में मिलेगा। धनवान भी हो सकता है।

 सप्तमेश सप्तम भाव में उच्च का हो तो ऐसी कन्या का वर भाग्यशाली होगा, लेकिन विवाह बाद उसे अधिक लाभ रहेगा। यह स्थिति मीन लग्न में ही बनता है।

यदि मेष लग्न हो और सातवें भाव में शुक्र हुआ तो लाइफ पार्टनर सुंदर होगा, वहीं वह फाइनेंशियली साउंड भी होगा।

वृषभ लग्न हो और सप्तम भाव में मंगल हो व चंद्र लग्न में हो तो वह जीवनसाथी उग्र स्वभाव का होगा लेकिन धन के मामलों में सौभाग्यशाली होगा।

मिथुन लग्न हो और सप्तम भाव का मालिक भी सातवें भाव में ही बैठा हो तो ऐसी पत्रिका ‍जिसकी होगी वह ज्ञानी, न्यायप्रिय, मधुरभाषी, परोपकारी, धर्म-कर्म को मानने वाला या वाली होगी।

कर्क लग्न वालों के लिए शनि सप्तम भाव में या सप्तमेश उच्च का होकर चतुर्थ भाव में हो तो वह साँवला या साँवली होगी, लेकिन जीवनसाथी सुंदर होगा या होगी व शनि उच्च का हुआ तो विवाह सुख उत्तम मिलेगा।

सिंह लग्न हो और सप्तमेश सप्तम में हो या उच्च का हो तो वह साधारण रंग-रूप की होगी पर उसका पति या पत्नी पराक्रमी होगें लेकिन भाग्य में रुकावटें आएँगी।

कन्या लग्न हो और सप्तम भाव में गुरु हो तो पति या पत्नी सुंदर मिलता है। स्नेही व उत्तम संतान सुख मिलेगा। ऐसी स्थिति वाला प्रोफेसर, जज, गजेटेट ऑफिसर भी हो सकता है। लाइफ पार्टनर सम्माननीय होगा।

तुला लग्न हो और सप्तम भाव में मेष का मंगल हो तो वह उग्र स्वभाव, साहसिक, परिवार से अलग रहने वाली होगा। लाइफ पार्टनर की पारिवारिक स्थिति मध्यम होगी व नौकरी या व्यापार में बाधा होगी।

 वृश्चिक लग्न हो और सप्तम भाव में शुक्र हो तो स्वराशि का होने से उसे सुसराल से धन मिलेगा। पति पत्नी से लाभ पाने वाला और पत्नी पति से लाभ पाने वाली होगी।

 धनु लग्न हो और सप्तम भाव में बुध हो तो लाइफ पार्टनर समझदार, विद्वान, विवेकी, पढ़ी-लिखा होगा। अगर पत्रिका लड़के की है तो लड़की सर्विस में हो सकती है।

 मकर लग्न हो और चंद्रमा सप्तम भाव में हो तो ऐसा युवा सुंदर, सॉफ्ट स्पोकन, शांतिप्रिय होगा। लाइफ पार्टनर बेहद खूबसूरत होगा।

कुंभ लग्न हो और सप्तम भाव में सूर्य हो तो वह साहसिक, महत्वाकांक्षी, तेजस्वी स्वभाव की होगी व हुकूमत करने वाली होगी। परिवार से भी अलग हो सकती है।

 मीन लग्न हो और सप्तम में उच्च का बुध हो तो वह युवा प्रतिष्ठित होगा, ऐसी प्लेनेट कंडीशन वाली वाली युवती पढ़ी-लिखी, समझदार, माता-पिता, भूमि-भवन से लाभ पाने वाली होगी। परिवार में सम्माननीय होगी।

सप्तम भाव में यदि शुभ ग्रह (चंद्र बुध शुक्र गुरु) की दृष्टि हो तो या सप्तम भाव में शुभ ग्रह स्थित हो तो लड़की का पति सब आयु का या दो 4 वर्षों के अंतर का होता है।

यदि स्त्री की कुंडली में लग्न या चंद्रमा से सप्तम भाव ग्रह रहित या निर्बल हो तथा पाप ग्रहों की दृष्टि हो तो पति डरपोक स्वभाव वाला दब्बू तथा अपरिश्रमी होता है।

सप्तम भाव में चर राशि हो या सप्तमेश चर राशि नवांश में गया हो तो निश्चित रूप से पति परदेश में रहने वाला होता है।

अष्टम भाव में शुभ ग्रह हो तो ऐसी स्त्री की मृत्यु पति की मृत्यु से पहली होती है।

सप्तम भाव में राहु केतु शत्रु राशि में नीच का पंडित हो तो होने वाला पति कुमार्गी होता है।

यदि सप्तमेश उच्च का हो तो उसको लिया उस परिवार का उच्च पदाधिकारी या व्यापारी जीवनसाथी मिलता है।

सप्तमेश उसके होने पर कुछ बोल दिया उस परिवार का जीवन साथी होता है वह उच्च पदाधिकारी या व्यापारी होता है जन्म लग्न में चर राशि में पति प्रवासी मिलता है।

यदि सप्तमेश पापी ग्रह हो तो या पाप ग्रसित हो तो भावी जीवनसाथी के परिवार का स्तर अपने स्तर से कम होता है।

यदि लग्नेश सप्तम भाव में शुभ ग्रह के साथ हो तो जीवन साथी का परिवार आदरणीय होता है।


यदि उपरोक्त ग्रहों की स्थिति पर अशुभ प्रभाव हुआ तो फल में परिवर्तन आ सकता है। उसी प्रकार अन्य ग्रहों की स्थिति भी देखी जानी चाहिए। उसी प्रकार सप्तमेश सप्तम में ही हो, लेकिन वक्री या अस्त हो तब भी फल में अंतर आ जाएगा।

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