किडनी रोग
शरीर में सभी अंगों का अपना विशेष काम होता है। जिसे वे सुचारू रूप से करते हुए शरीर को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं। इनमें किडनी यानि गुर्दा अहम है, जो शरीर को अंदर से साफ करते हैं और खून को फिल्टर करने का काम करता है। किडनी का शरीर के सभी फंक्शन करने वाले हिस्सों में अहम रोल है, क्योंकि अगर किडनी ठीक नहीं वर्क कर रहा है, तो समझिये की शरीर कई बीमारियों को बुला रहा है।
किडनी की रचना और कार्य
किडनी (गुर्दा) मानव शरीर का एक महत्वपूर्ण अंग है। किडनी की खराबी, किसी गंभीर बीमारी या मौत का कारण भी बन सकता है। इसकी तुलना सुपर कंप्यूटर के साथ करना उचित है क्योंकि किडनी की रचना बड़ी अटपटी है और उसके कार्य अत्यंत जटिल हैं उनके दो प्रमुख कार्य हैं - हानिकारक अपशिष्ट उत्पादों और विषैले कचरे को शरीर से बाहर निकालना और शरीर में पानी, तरल पदार्थ, खनिजों (इलेक्ट्रोलाइट्स के रूप में सोडियम, पोटेशियम आदि) नियमन करना है।
किडनी की संरचना
किडनी शरीर का खून साफ कर पेशाब बनाती है। शरीर से पेशाब निकालने का कार्य मूत्रवाहिनी, मूत्राशय और मूत्रनलिका द्वारा होता है।
स्त्री और पुरुष दोनों के शरीर में सामान्यत: दो किडनी होती है।
किडनी पेट के अंदर, पीछे के हिस्से में, रीढ़ की हड्डी के दोनों तरफ (पीठ के भाग में), छाती की पसलियों के सुरक्षित तरीके से स्थित होती है ।
किडनी, पेट के भीतरी भाग में स्थित होती हैं जिससे वे सामान्यतः बाहर से स्पर्श करने पर महसूस नहीं होती।
किडनी, राजमा के आकर के एक जोड़ी अंग हैं। वयस्कों में एक किडनी लगभग 10 सेंटीमीटर लम्बी, 6 सेंटीमीटर चौडी और 4 सेंटीमीटर मोटी होती है। प्रत्येक किडनी का वजन लगभग 150 - 170 ग्राम होता है।
किडनी द्वारा बनाए गये पेशाब को मूत्राशय तक पहुँचानेवाली नली को मूत्रवाहिनी कहते हैं। यह सामान्यत: 25 सेंटीमीटर लम्बी होती है और विशेष प्रकार की लचीली मांसपेशियों से बनी होती है।
मूत्राशय पेट के निचले हिस्से में सामने की तरफ (पेडू में) स्थित एक स्नायु की थैली है, जिसमें पेशाब जमा होता है।
स्त्री और पुरुष दोनों में किडनी की रचना, स्थान और कार्यप्रणाली एक सामान होती है।
वयस्क व्यक्ति के मूत्राशय में 400 - 500 मिलीलीटर पेशाब एकत्रित हो सकता है। जब मूत्राशय की क्षमता के करीब पेशाब भर जाता है तब व्यक्ति को पेशाब त्याग करने की तीव्र इच्छा होती है।
मूत्रनलिका द्वारा पेशाब शरीर से बाहर आता है। महिलाओं में पुरुषों की तुलना में मूत्रमार्ग छोटा होता है, जबकि पुरुषों में मार्ग लम्बा होता है।
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