स्वर शास्त्र से विवाह संबंधी जानकारी प्राप्त करना
यह तो हम जानते हैं कि स्वर शास्त्र में नाक के नथुने से निकलने वाले वायु के प्रवाह से चंद्र स्वर , सूर्य स्वर और सुषुम्ना के बारे में जानकारी प्राप्त होता है। इडा, पिंगला और सुषुम्ना नाड़ी जिसे कहते हैं। एक ज्योतिषी के पास विवाह के संबंध में जानकारी प्राप्त करने के लड़के और लड़की पक्ष के लोग आते हैं और अपनी जिज्ञासा को शांत करने के लिए ज्योतिषी से प्रश्न पूछते हैं। इन प्रश्नों का उत्तर हम स्वर शास्त्र के माध्यम से भी दे सकते हैं।
विवाह होगा या नहीं? यदि होगा, तो कब?
उत्तर: यदि प्रश्नकर्ता ज्योतिषी के दायीं ओर बैठकर प्रश्न करे और उत्तरदाता का दायांस्वर चलता हो, तो विवाह शीघ्र होगा।
इसके विपरीत यदि प्रश्नकर्ता उत्तरदाता के बायीं ओर बैठकर प्रश्न करे और उस समय उत्तरदाता का दायां स्वर चलता हो, तो विवाह में विलंब होगा।
यदि प्रश्नकर्ता ज्योतिषी के बायीं ओर बैठकर प्रश्न करे और उस समय ज्योतिषी का भी बायां स्वर प्रवाहित हो रहा हो, तो विवाह नहीं होगा।
यदि प्रश्नकर्ता दायीं अथवा बायीं ओर अर्थात किसी भी तरफ बैठ कर प्रश्न करे और ज्योतिषी का सुषुम्ना स्वर चलता हो, तो विवाह नहीं होगा।
यदि प्रश्नकर्ता का बायां और ज्योतिषी का दायां स्वर चलता हो, तो कुछ दिनों के पश्चात विवाह हो जाएगा।
यदि प्रश्नकर्ता का बायां और स्वर ज्ञानी का सुषुम्ना स्वर चलता हो, तो विवाह नहीं होगा।
यदि प्रश्नकर्ता और ज्योतिषी दोनों का ही सुषुम्ना स्वर चलता हो, तो विवाह की कौन कहे, बात तक नहीं होगी।
यदि प्रश्नकर्ता का सुषुम्ना और ज्योतिषी का दायां स्वर चल रहा हो, तो विवाह कुछ समय के पश्चात अवश्य होगा।
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