आपका संतान क्या लेकर आया है

प्रत्येक दंपत्ति चाहता है कि उसका संतान प्रतिभाशाली हो, जीवन में सफल हो, इसके लिए जन्म कुंडली के विभिन्न पहलुओं का विचार किया जाता है। हम आज चर्चा करेंगे उसमें से एक सूत्र के ऊपर। आपका जन्म लग्न क्या है और आपका संतान कौन सा जन्म लग्न लेकर पैदा हुआ है। यदि आप का जन्म लग्न और संतान का जन्म लग्न समान है तो आपका संतान आपके गुण को लेकर पैदा हुआ है। यदि आपका जन्म लग्न वृषभ है परंतु आपके संतान का जन्म लग्न मिथुन है तो आपका संतान पैतृक संपत्ति की वृद्धि करेगा यदि आपका जन्म लग्न वृषभ है परंतु आपके संतान का जन्म लग्न कर्क है तो आपका संतान तृतीय भाव को लेकर पैदा हुआ है अतः आप का संतान आपके पराक्रम में वृद्धि करेगा। यदि आपका जन्म लग्न वृषभ है परंतु आपके संतान का जन्म लग्न सिंह है तो आपका संतान आपके  सुख में वृद्धि करेगा। यदि आपका जन्म लग्न वृषभ है परंतु आपके संतान का जन्म लग्न कन्या है तो आपका संतान विद्या बुद्धि ज्ञान शिक्षा के क्षेत्र में विशेष सफलता प्राप्त करेगा। यदि आपका लग्न वृषभ है परंतु आपके संतान का जन्म लग्न तुला है तो आपका संतान छठे भाव को लेकर पैदा हुआ है अतः आप का संतान शत्रुओं का मान मर्दन करेगा। यदि आपका जन्म लग्न वृषभ है परंतु आपके संतान का जन्म लग्न वृश्चिक है तो आपका संतान सप्तम भाव के गुण को लेकर पैदा हुआ है अतः आप का संतान व्यापार को बढ़ाएगा। यदि आप का जन्म वृषभ लग्न है और आपके संतान का जन्म लग्न धनु है तो आपका संतान अष्टम भाव के गुण को लेकर पैदा हुआ है। अतः आप का संतान आपकी आयु की वृद्धि करेगा, यदि आपका जन्म लग्न वृषभ है और आपके संतान का जन्म लग्न मकर है तो आपका संतान भाग्य को लेकर पैदा हुआ है। यदि आप का जन्म लग्न ऋषभ है और आपके संतान का जन्म लग्न कुंभ है तो आपका संतान कर्म को लेकर पैदा हुआ है। यदि आप का जन्म लग्न वृषभ है और आपके संतान का जन्म लग्न मीन है तो आपका संतान आय को लेकर पैदा हुआ है। आपका संतान इनकम में वृद्धि करेगा। यदि आप का जन्म लग्न वृषभ है और आपके संतान का जन्म लग्न मेष है तो आपका संतान मोक्ष को लेकर पैदा हुआ है।
इस बात को समझने के लिए पहले भाव का ही विस्तार करके देखते हैं...
   यदि मान लेते हैं कि आपका जन्म लग्न  "सिंह" है और आपके संतान का जन्म लग्न भी सिंह है। तो निश्चित ही आपका संतान आपके व्यक्तित्व को लेकर पैदा हुआ है। आपके जैसे ही उसका रूप रंग आकार होगा। आपके जैसे ही उसका पौरूष शक्ति और स्वभाव भी होगा। संतान के जन्म के साथ ही आपका मान - सम्मान, ऐश्वर्य की बढ़ोतरी होगा। आप से अधिक ज्ञानी और तेजस्वी होगा। अर्थात आपने जितना ज्ञान प्राप्त किया है उस ज्ञान को आगे बढ़ाने का काम आपका संतान करेगा। अर्थात यह भी कह सकते हैं की जिंदगी के सफर में आपने जहां तक सफर तय की है अब उस स्थान से आगे की सफर आपका संतान करेगा। जैसे कि सिह लग्न प्रशासन या सत्ता से जुड़ा हुआ लग्न  है, तो आपका संतान भी सरकारी क्षेत्र से जुड़कर कार्य करेगा। और जहां तक आपने नाम और शोहरत बनाई है अब उससे आगे आपका संतान सफर शुरू करेगा और नाम और शोहरत पैदा करेगा।
 साथ ही कुछ बातों को ध्यान में रखें आपके लग्न कुंडली में लग्न कितने शुभ प्रभाव में हैं और आपके संतान की कुंडली में संतान का लग्न कितना शुभ प्रभाव में है। यदि शुभ प्रभाव में तो शुभ प्रभाव की वृद्धि होगा लेकिन यदि पाप प्रभाव में है तो नकारात्मक रिजल्ट  प्राप्त होंगे।

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