नजरें मिलाकर बात करें
बच्चों को बचपन से नज़र मिला कर बात करना सीखाए । नज़र मिला कर बात करना है न कि घुरना है । घुरना भी असभ्यता है । नजरें मिलाकर बात करने का अभ्यास करें- किसी भी व्यक्ति के बॉडी लैंग्वज से उसके व्यव्हार का पता चल जाता है.. बॉडी लैंग्वेज में आँखों का प्रयोग आपके आत्मविश्वास बढ़ाने में काफी कारगर साबित हो सकते हैं.. कोई व्यक्ति आँखों का किस तरह से प्रयोग करता है इसे जानकर हमें भी काफी ज्यादा जानकारी मिल सकती है..अगर कोई व्यक्ति आपसे बात करते हुए आपकी तरफ नजर नहीं करता है, आँखें मिलाकर बात नहीं करता है तो आप यह जान सकते हैं कि उसके अंदर आत्मविश्वास की बहुत कमी है.. ऑंखें न मिलाकर बात करने से कुछ तथ्य हमारे सामने आ सकते हैं- क्या यह व्यक्ति डरा हुआ है, और डरा हुआ है तो किस बात से डरा हुआ है? कहीं ये मुझे धोखा तो नहीं देगा, इस वजह से मुझसे नजरें मिलाकर बात नहीं कर रहा.. ये आखिर मुझसे क्या और कौन-सी बातें छिपाने की कोशिश कर रहा है? आखिर इसके इरादे क्या हैं? क्या मैं इस पर विश्वास कर सकता हूँ? ज्यादातर नज़र मिलाने से जो लोग झिझकते हैं उनसे तीन बातों का पता चलता है १. मैं आपसे डरा फील करता हूँ.., म...